महाभारत के सभी 18 पर्वों के नाम
महाभारत ग्रंथ में कुल में 18 अध्याय हैं, जिन्हें पर्व कहा जाता है, इन पर्वों के नाम इस प्रकार हैं-
1. आदि पर्व,
2. सभा पर्व,
3. वन पर्व,
4. विराट वरव,
5. उद्योग पर्व,
6. भीष्म पर्व,
7. द्रोण पर्व,
8. अश्वमेधिक पर्व,
9. महाप्रस्थानिक पर्व,
10. सौप्तिक पर्व,
11. स्त्री पर्व,
12. शांति पर्व,
13. अनुशाशन पर्व,
14. मौसल पर्व,
15. कर्ण पर्व,
16. शल्य पर्व,
17. स्वर्गारोहण पर्व तथा
18. आश्रम्वासिक पर्व
महाभारत ग्रंथ में कुल में 18 अध्याय हैं, जिन्हें पर्व कहा जाता है, इन पर्वों के नाम इस प्रकार हैं-
1. आदि पर्व,
2. सभा पर्व,
3. वन पर्व,
4. विराट वरव,
5. उद्योग पर्व,
6. भीष्म पर्व,
7. द्रोण पर्व,
8. अश्वमेधिक पर्व,
9. महाप्रस्थानिक पर्व,
10. सौप्तिक पर्व,
11. स्त्री पर्व,
12. शांति पर्व,
13. अनुशाशन पर्व,
14. मौसल पर्व,
15. कर्ण पर्व,
16. शल्य पर्व,
17. स्वर्गारोहण पर्व तथा
18. आश्रम्वासिक पर्व
महाभारत में कुल अट्ठारह पर्व हैं, पर्वों के अंदर अध्याय हैं अतः पर्वों को अध्याय नहीं कहा जाना चाहिए।
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